


लंबे इंतजार के बाद जम्मू में मां वैष्णो देवी की यात्रा 17 सितंबर से शुरू हो गई है। पहले दिन ही यात्रियों में काफी उल्लास दिखाई दिया। लोग माता के जयकारे लगाते हुए भवन पहुंचे। बादल फटने की वजह से गत 26 अगस्त को अर्धकुवारी में लैंडस्लाइड हुआ था, तब से माता की यात्रा बंद थी। आपदा में 34 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। कई श्रद्धालु वहां रुककर यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे थे। बुधवार को मौसम बेहद साफ रहा। सुबह से ही धूप रही।
यात्रा शुरू करने के साथ ही श्राइन बोर्ड ने भक्तों के लिए एडवाइजरी जारी की है। बोर्ड ने कहा कि यात्री मौसम देखकर ही यात्रा शुरू करें। मौसम खराब होने की चेतावनी पर यात्रा को कटरा से ही बंद कर दिया जाएगा। साथ ही बिना बुकिंग अब श्रद्धालुओं को भवन में नहीं रुकने दिया जाएगा।
अलर्ट पर हैं सुरक्षा बल
आपदा के बाद यात्रा में सबकुछ सामान्य हो गया है। बाजार, होटल, दुकानें भी खुलने लगी हैं। यात्रियों के सुविधा के प्रशासन ने बोर्ड के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया है। वहीं मानसून को देखते हुए प्रशासन लगातार मौसम विभाग के संपर्क में है। ताकि कोई अनहोनी की आशंका होते ही कटरा से ही यात्रियों को रोक दिया। सुरक्षा बलों को भी अभी भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
कल हैं बारिश के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर ने अनुमान लगाते हुए बताया है कि 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है। इसके लिए लोगों को संवेदनशील इलाकों में न जाने की सलाह दी। बता दें कि पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में दिन और रात का तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। हालांकि अभी तक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है, इससे सैकड़ों ट्रक नगरोटा में खड़े हैं।
हादसे के बाद भी उत्साह कम नहीं
पिछले 22 दिनों से यात्रा बंद थी। बावजूद इसके कई यात्री कटरा पहुंच गए थे। करीब 1 सप्ताह पहले कई प्रदेशों से यहां श्रद्धालु पहुंचे थे। प्रशासन ने उन्हें लौटने की सलाह दी, लेकिन वो लोग वापस नहीं आए। उनका मानना था कि भले उन्हें 1 महीने का इंतजार करना तो भी वह करेंगे। आखिरकार बुधवार को यात्रा शुरू होने पर उन्होंने माता के दर्शन किए।